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डॉ० यशदेव शास्त्री जी (Dr. Yashdev Shashtri Ji)
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“ओउम“
किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसके सम्बन्ध में कम से कम सामान्य ज्ञान तो होना ही चाहिए। तभी उस कार्य को दक्षता पूर्वक करना संभव होता है और अभीष्ट फल की सिद्धि भी होती है पशुपालन ऐसा ही व्यवसाय है जो कुशलता से किया जाए तो उसमे उत्तरोत्तर उन्नति ही होती है, ग्रामीण ही नहीं, अपितु शहरी एंव नगरिया जनता भी दूध तथा उसके उत्पादों तथा पशु जन्य सामग्रियों की पूर्ति हेतु पशुधन पर निर्भर रहती है।
पशुपालन कृषि कार्य में तो और भी चार चाँद लगा देता है तथा देश की अर्थव्यवस्था में महान योगदान पशुपालन व्यवसाय ही तो करता है। सच्चे अर्थो में पशुपालन को हमारे देश की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड कहा जाए जाए तो अनुचित नहीं होगा
डॉ० यशदेव शास्त्री जी
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