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पतंजलि दुग्धामृत (Patanjali Dhugdhamrit)
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भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। यह सब हमारे यहाँ पशु जनसंख्या के कारण है। परन्तु हमारे प्रति पशु उत्पादकता बहुत कम है इसका मुख्य कारण संतुलित आहार का उपलब्ध न होना है। भारतीय दुग्ध उत्पादन में 70 % दूध की आपूर्ति भूमिहीन किसानो से होती है। दुग्ध उत्पाद का हिस्सा देश की जीडीपी का करीब 5 प्रतिशत है। भारतीय परम्परा में देशी गाय के दूध को अमृत कहा गया है। दूध का उत्पादन तेज़ी से बढ़ाने के लिए पशुओं को अच्छी गुणवत्ता वाला फीड आवश्यक है। यह सर्व विदित है की दुधारू पशुओं पर करीब 60 से 70 फीसदी खर्च सिर्फ उनकी खुराक पर होता है। ऐसे में आवश्यक है कि पशुओं की खुराक उनके उत्पादन के अनुरूप उचित एंव संतुलित हो जिसमे सभी आवश्यक तत्व विद्यमान हो। प्रायः आम खाद्य पद्धार्थ में निम्नलिखित तत्व पाये जाते हैं
पशुओं को मुख्यतः 6 पोषक तत्व संतुलित मात्रा में आवश्यक है
१. | प्रोटीन | २. | खनिज लवण | ३. | विटामिन |
४. | वसा | ५. | कार्बोहाइड्रेट | ६. | जल |
प्राय: पशुपालक केवल चोकर, खली, हरा चारा एंव सूखा चारा ही अपने दुधारू पशुओं को खिलाते हैं तथा वैज्ञानिक तरीके से तैयार खुराक की उपयोगिता नहीं समझते न ही संतुलित आहार का प्रयोग करते हैं , जिससे पशु पालक को जितना उत्पादन मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता। अतएव यह अति आवश्यक है की पशुपालक उन पर विशेष ध्यान दे तथा केवल संतुलित आहार ही प्रयोग करे। जिसमे उपरोक्त तत्वों का समावेश हो। संतुलित पशु आहार से ही पशु तथा पशु पालक को लाभ हो सकता है। पशु आहार जितना आवश्यक है, स्वच्छ जल भी उतना ही आवश्यक है अतः समय समय पे जल पिलाते रहना चाहिए।
दुग्धामृत की विशेषता
- यूरिया रहित पशु आहार
- चिलिटेड मिनरल के साथ साथ अन्य आवश्यक खनिज लवण भी
- विभिन्न प्रकार के विटामिन्स से युक्त
- जड़ी बूटी से भरपूर
- वैज्ञानिक विधि से बनाया गया संतुलित पशु आहार
- पूर्णतः शाकाहारी
पतंजलि दुग्धामृत सिल्वर/ सिल्वर प्लस (10-12 लीटर से अधिक दूध देने वाले पशुओं के लिए)
- "दुग्धामृत" पशु आहार यूरिया रहित है
- स्थानीय क्षेत्र में पशुओं को खिलाये जाने वाले तत्वों से निर्मित।
- स्थानीय क्षेत्र में पाये जाने वाले पशुओं की दूध देने की क्षमता के अनुरूप।
- चिलिटेड मिनरल एंव अन्य आवश्यक मिनरल के साथ।
- विभिन्न प्रकार के विटामिन्स से युक्त।
- सुपाच्य प्रोटीन एंव बाईपास प्रोटीन से युक्त
- दुग्धामृत पशु आहार विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों से परिपूर्ण है।
लाभ
- दूध उत्पादन में वृद्धि के साथ साथ वसा व् एस एन एफ बढ़ता है।
- जड़ी बूटियों के समावेश से दूध बढ़ाने व् उतारने में मदद करता है।
- यह सभी प्रकार के स्ट्रेस से बचाता है।
- दुग्धामृत प्रोबायोटिक्स युक्त पशु आहार है, जो पाचन शक्ति बढ़ाता है।
- विभिन्न विटामिन A, D3, E12, और B दूध बढ़ाने में एंव शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- माइक्रो व् मैक्रो मिनरल्स प्रजनन शक्ति में बढ़ोत्तरी करते है तथा प्रति वर्ष एक बछिया को पाने के लक्ष्य को पाने में मदद करते है।
उपयोग विधि
| गाय | भैंस |
स्वस्थ रख रखाव हेतु | 1.5-2 किग्रा० प्रति/दिन | 2-2.5 किग्रा० प्रति/दिन |
दुग्ध उत्पादन हेतु | 400 ग्राम/लीटर | 500 ग्राम/लीटर |
गाभिन अवस्था ( आखिरी दो माह में ) | 1.5 - 2 किग्रा०/दिन | 2 - 2.5किग्रा०/दिन |
पतंजलि दुग्धामृत गोल्ड
(10 - 12 लीटर से अधिक दूध देने वाले पशुओं के लिए)
विशेषतायें :
- "दुग्धामृत गोल्ड" यूरिया रहित पशु आहार है।
- पशुओं की आवश्यकता अनुसार पाच्य प्रोटीन एंव एमिनो एसिड का सही संतुलन।
- बाय पास फैट व् बाय पास प्रोटीन से युक्त।
- TDN: प्रोटीन का सही संतुलन।
- सुपाच्य प्रोटीन के साथ अन्य वसा एंव खनिज लवण, विटामिन से भरपूर।
- प्रोबायोटिक एंव दूध बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक पद्धार्थों का उचित मात्र में प्रयोग।
लाभ
- पतंजलि दुग्धामृत सिल्वर में प्राप्त लाभ के अलावा RUDP: RDP को सही अनुपात से दूध में उचित बढ़ोत्तरी।
- दुग्ध उत्पादन हेतु सम्पूर्ण आयुर्वेदिक औषधियों का समावेश है।
- दुग्ध उत्पादन क्षमता को लम्बे समय तक बनाये रखने में मदद करता है तथा पाचन शक्ति बढ़ाता है।
- प्रजनन क्रिया को व्यवस्थित करते हुए समय पर गर्मी आने में मददगार एंव अच्छा स्वास्थय बनाता है।
उपयोग विधि
| गाय | भैंस |
स्वस्थ रख रखाव हेतु | 1.5-2 किग्रा० प्रति/दिन | 2-2.5 किग्रा०/दिन |
दुग्ध उत्पादन हेतु | 400 ग्राम/लीटर | 500 ग्राम/लीटर |
गाभिन अवस्था ( आखिरी दो माह में ) | 1.5-2 किग्रा० / दिन | 2-2.5किग्रा० प्रति दिन |
पतंजलि दुग्धामृत डायमंड ( 20 लीटर से अधिक दूध देने वाले पशुओं के लिए )
विशेषताएं :
- "दुग्धामृत" पशु आहार यूरिया रहित है।
- अधिक दूध देने वाले पशुओं के लिए आवश्यकतानुसार ऊर्जायुक्त।
- सुपाच्य प्रोटीन एंव एमिनो अम्ल का सही संतुलन।
- उचित मात्रा में शाकाहारी खनिज-लवण व् विटामिन्स का समावेश।
- उचित मात्रा में बाय पास फैट व् बाय पास प्रोटीन का समावेश।
- दुग्ध उत्पादन हेतु विशेष आयुर्वेदिक पद्धार्थो का उपयोग।
- प्रजनन क्रियाओं पर उपरोक्त तत्वों का विशेष प्रभाव एंव समयनुसार गर्भधारण के लिए प्रेरित करना।
लाभ
- पतंजलि दुग्धामृत से प्राप्त लाभ के अलावा
- उचित मात्रा में खिलाने से अतिरिक्त कैल्शियम देंने की आवश्यकता नहीं।
- सुपाच्य तत्वों विशेषकर प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण (चिलिटेड लवण के साथ), विटामिन्स
प्रोबायोटिक्स एंव आयुर्वेदिक पद्धार्थों से भरपूर, एंव आवश्यक मात्रा में उपलब्ध कराना।
उपयोग विधि
| गाय | भैंस |
स्वस्थ रख रखाव हेतु | 1.5-2 किग्रा० प्रति/ दिन | 2-2.5 किग्रा० प्रति/दिन |
दुग्ध उत्पादन हेतु | 400 ग्राम/लीटर | 500 ग्राम/लीटर |
गाभिन अवस्था ( आखिरी दो माह में ) | 1.5-2 किग्रा०/दिन | 2-2.5किग्रा० प्रति/दिन |
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